मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान हुए बावल पर प्रशासन एक्शन मोड में नजर आ रहा हैं। प्रशासन ने पथराव करने वाले आरोपियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। इलाके में कई घरों पर बुलडोजर चला दिया गया, जिसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई गई है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
ओवैसी ने बुलडोजर एक्शन को लेकर पूछा कि जज-ज्यूरी और सब कुछ आप ही हैं क्या जो बिना किसी तरह कि नोटिस के किसी का भी घर गिरा देंगे।
जज-ज्यूरी और पुलिस सब आप ही बन गए हैं
आजतक से बातचीत में ओवैसी ने खरगोन में शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को एकतरफा करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस आधार पर उन लोगों के घर तोड़े गए हैं।
वहीं जब ओवैसी से पूछा गया कि क्या वह जिनके घर गिराए गए हैं, उनके ‘मसीहा’ बनना चाहते हैं। इस पर ओवैसी ने कहा कि आपने उनके घरों पर बुल्डोजर चला दिए, उन्हें सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया, वह लोग किसके खिलाफ शिकायत करेंगे?
ओवैसी ने आगे कहा कि न तो कोई नाेटिस दिया गया और ना ही उनके घरों को तोड़ने का कारण बताया गया। गरीब मुसलमानों के घरों को तोड़ कर कौनी सी खुशी मिलती हैं?
उन्होंने आगे कहा कि बिना नोटिस के किसी गरीब का घर गिराने वाले आप कौना होते हैं, कोर्ट और जज किसलिए हैं।ओवैसी ने बुलडोजर चलाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कौन से कानून के तहत गरीब मुसलमानों के घर तोड़े जा रहे हैं?
शिवराज सरकार मुसलमानों को सामूहिक सजा दे रही है। इस नाइंसाफी को कैसे कोई देख पाएगा। आईएमआईएम चीफ ने कहा कि इस कार्रवाई पर सवाल करते हुए कहा कि आईपीसी में घर तोड़ने का कानून है? क्या घर तोड़ने का कानून है?
जुलूस पर ही पथराव क्यों?
अगर घर गैरकानूनी रूप से बना है तो नोटिस नहीं देगे? जज-ज्यूरी और पुलिस सब आप बन गए है तो रूल ऑफ लॉ नहीं बल्कि रूल बाय गन होगा। क्या गृह मंत्री यह तय करेंगे कि किसी का घर तोड़ा जाएगा?
वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब एसपी को गोली चलाई गई तो विपक्ष ने सवाल नहीं किया था क्योंकि यह लोग तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।
इसके साथ ही शिवराज सरकार के गृह मंत्री ने कहा कि पथराव रामनवमी के जुलूस पर ही क्यों? ओवैसी द्वारा किए गए सवालों पर मिश्रा ने कहा कि पथराव करने वालों के चेहरे वीडियो फुटेज में साफ तौर पर देखे जा सकते हैं।