रामनवमी के मौके पर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में निकाले गए जुलूस के दौरान हुई हिं’सा में कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई हैं। फिलहाल खरगोन में हालात सामान्य हो चुके है। इसी के साथ प्रशासन और एमपी सरकार ने आरोपियों पर कार्रवाई की। मध्य प्रदेश सरकार आरोपियों के घर बुल्डोजर लेकर पहुंचे और दुकानें ढहाई गईं।
वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। इसे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने एक ट्वीट में लिखा कि एमपी के खरगोन जिले में किस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय के घर तोड़े जा रहे हैं?
किस कानून के तहत तोड़े गये घर?
किस कोर्ट द्वारा इसे अधिकृत किया गया है? क्या देश में अभी भी कोर्ट कार्य कर रहे हैं? वहीं आरफा खान शेरवानी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आए।
इसी पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। अशोक पंडित ने जवाब देते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि उसी कानून के तहत, जिससे उन्हें पत्थर, हथगोले, सोडा की बोतलें आदि फेंकने की अनुमति है। क्या आपने वो फुटेज नहीं देखा?
वहीं इस पर कमेंट करते हुए ऋषि बागरी नाम के यूजर ने कहा कि न्यूटन के तीसरे नियम के तहत पुलिस ने यह कार्रवाई की हैं।
वहीं अजीत दत्त नाम के यूजर लिखते हैं कि किस कानून के तहत उन्होंने पथराव किया था? किस कोर्ट ने इसे अधिकृत किया? क्या भारत में न्यायालय अभी भी काम कर रहे हैं?
आभार मानों सिर्फ घर तोड़े हैं?
एलएन नारायण नामक एक यूजर लिखता हैं कि आप कौनसी अदालतों की बात कर रहे हैं? हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला क्या था? क्या सभी ने फॉलो किया? क्या वास्तव में आप सभी भारतीय संविधान का पालन करते हैं?
रणधीर करण नाम के यूजर ने कहा कि इतनी भारी मात्रा में अचानक सारे घरों में पत्थर कहां से आ गए? इसका मतलब साफ हैं कि पहले से ही तैयारी की गई थी, ऐसे लोगों के साथ तो एनका’उंटर होना चाहिए। सरकार का आभार मानो कि सिर्फ घर तोड़े हैं और गिरफ्तारी हुई है।
Same laws under which they are allowed to throw stones , soda bottles , hand grenades etc .
Did you see that footage . ? https://t.co/KWf6cdqUWK— Ashoke Pandit (@ashokepandit) April 11, 2022
हुसैन हैदरी नाम के यूजर ने कमेंट ने कहा कि क्या घर गिराना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के अंतर्गत है? यह रवैया देश में हर किसी के साथ होना चाहिए। फिर भले ही मौजूदा वक्त में इसका इस्तेमाल सिर्फ सांप्र’दायिक इरादे से मुस्लिम घरों को तोड़ने में किया जा रहा हैं।