यूपी के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक मुस्लिम बच्चे को पकड़कर रविवार को स्थानीय पुलिस के हवाले किया था. इसे लेकर उन्होंने दावा किया था कि यह बच्चा मंदिर में रेकी करने के उद्देश्य से आया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आसिफ के बाद अब अनस. आज रेकी करते हुए मंदिर परिसर में पकड़ा गया.
उन्होंने पुलिस को निशाने पर लेते हुए आगे लिखा कि ये मुस्लिमों के बच्चे ट्रेंड कातिल हैं और हमारी सुरक्षा के लिए लगाई पुलिस जाने कहां सोती हुई रहती है जो उन्हें मुसलमान नही दिखाई देते है.
मुसलमान के बच्चे ट्रेंड काति’ल हैं
लेकिन मंहत का यह दावा खोखला निकला. दरअसल इस मामले को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह बच्चा धोखे से मंदिर परिसर में घुस गया था.
यति नरसिंहानंद ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एक वीडियो शेयर किया था. जिसमें पुलिस एक लड़के को पकड़े हुए नजर आ रही है.
वीडियो में नरसिंहानंद कहते है कि यह एक मुस्लिम लड़का है जिसे मेरे यज्ञ से उठने के बाद पकड़ा गया. यह रेकी करने आया था लेकिन हमने वक्त रहते इसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. मंदिर परिसर में किसी ने भी उसे हाथ तक नहीं लगाया.
आसिफ के बाद अब अनस आज 10/oct/21 को रेकी करते हुए मंदिर के अंदर पकड़ा गया ये मुसलमान के बच्चें ट्रेंड कातिल है और सुरक्षा के लिए लगाई पुलिस जाने कहाँ सोती रहती है जो मुसलमान उन्हें नही दिखाई देता है ।@myogiadityanath @ghaziabadpolice @dm_ghaziabad @igrangemeerut @Uppolice pic.twitter.com/JPUPivQ31L
— Yati Narsinghanand Saraswati (@NarsinghUvach) October 10, 2021
मंदिर के महंत ने आगे कहा कि मैं पुलिस से कहना चाहूँगा कि यह ह’मले की तैयारी है. इसे हल्के में ना लिया जाए यह बड़े हम’ले की तैयारी है. उन्होंने कहा कि यह बच्चा रेकी है और हम’ले की तैयारी है. यह मेरी ह’त्या करने का प्रयास है.
वहीं वीडियो में लड़का बताता है कि वो हाल ही में तेजपुर से डासना शिफ्ट हुआ है और अपने पिता की खोज करते करते गलती से मंदिर में पहुंच गया था.
नरसिंहानंद के आरोप निराधार- पुलिस
वहीं इस मामले को लेकर जांच-पड़ताल करने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने एक बयान जारी करके बताया कि अनस डासना मंदिर के पास बने सीएचसी हॉस्पिटल में आया था. वह इलाके में नया होने की वजह से मंदिर के बारे में जनकारी नहीं रखता है.
#GhaziabadPolice pic.twitter.com/MdN9BQ7luO
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) October 10, 2021
अनस अनपढ़ होने के चलते मंदिर के द्वार और अस्पताल के गेट में अंतर नहीं कर सका और भीड़ के पीछे मंदिर में प्रवेश कर गया. जब उसके बयानों की जांच की गई तो उसके परिजन हॉस्पिटल में इलाज करवाते पाए गए.
इसके आलावा अनस की तलाशी के दौरान उसके पास से कोई भी आपत्ति’जनक वस्तु प्राप्त नहीं की गई. पुलिस ने कहा कि वो गलती से ही मंदिर में घुस गया था.
नरसिंहानंद ने जाहिर किया असंतोष
वहीं यति नरसिंहानंद ने गाजियाबाद पुलिस के इस बयान पर असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा है कि डासना के इसी कस्बे में नाबालिग बच्चो के द्वारा ही बएस तोमर की ह’त्या कर दी गई थी.
डासना के इसी कस्बे मे अभी B S Tomar की की हत्या भी नाबालिग बच्चो ने ही कि थी
ये कभी प्यासे होते है कभी भटके हुए और कभी मौका मिलने पर नरेशानंद जी जैसे संतो को सोते हुये मे चाकू से गोद जाते है फिर हमारी पुलिस खामोश क्योकि घटना होने के बाद इनके पास बताने के लिए कोई कहानी नही होती h https://t.co/XROhygmVBJ— Yati Narsinghanand Saraswati (@NarsinghUvach) October 11, 2021
यह बच्चे कभी प्यासे होते हैं, कभी भटके हुए होते है और जैसे ही इन्हें मौका मिलता है यह नरेशानंद जी जैसे संतो को सोते हुए में चाकू से गो’द कर उनके प्रा’ण हर लेते है. फिर पुलिस खामोश रहती है क्योंकि घट’ना के बाद सुनाने के लिए उनके पास कोई कहानी नहीं होती हैं.